राजस्थान कला और संस्कृति :- हिन्दू धर्म के त्यौहार || Rajasthan Art and Culture:- Festivals of Hinduism

 राजस्थान कला और संस्कृति :-  हिन्दू धर्म के त्यौहार || Rajasthan Art and Culture:- Festivals of Hinduism





राजस्थान की कला और संस्कृति के प्रथम पार्ट में हमने भारतीय हिंदू कैलेंडर व राष्ट्रीय पंचांग और अन्य धर्मों के कलेंडर के बारे में जानकारी दी , जिसमें विक् सम्वत, शक  संवत्  और हिजरी संवत् की विस्तृत लेख से आपको एग्जाम संबंधी महत्त्वपूर्ण जनकारी दी हुई है।


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राजस्थान कला और संस्कृति :- कैलेंडर व राष्ट्रीय पंचांग


आज के कला और संस्कृति के इस दुसरे अध्याय में हम आपको हिंदु त्यौहारों, मुस्लिम धर्म और अन्य धर्मों के प्रमुख त्योहारों के बारे में जानकारी देंगे ।


हिंदू धर्म के त्यौहार 


संपूर्ण विश्व में अगर त्यौहार मनाए जाते हैं तो हिंदू धर्म में सबसे अधिक त्यौहार आते हैं , हम इनको हिंदी कैलेंडर के अनुसार मानते हैं आइए जानते हैं हिंदु त्यौहारों के बारे में 


चैत्र मास के त्यौहार :- 

  नव संवत् :-

  •  भारतीय नवबर्ष या नव संवत्सर भी इसे कहा जाता हैं । 
  •  भारतीय नववर्ष "चैत्र शुक्ल प्रतिपदा" को मनाया जाता है ।
इस दिन विक्रम संवत की शुरूआत होती हैं।
  • खाते बदले जाते हैं।


नोट :- राजस्थान एकीकरण के चौथे चरण वृहद राजस्थान का निर्माण चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, 2006 को हुआ । ( अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार :- 30 मार्च 1949 ~ 30 मार्च को राजस्थान दिवस भी मनाया जाता हैं।)


नवरात्रा स्थापना :- 

  • चैत्र शुक्ल.1 या चैत्र शुल्क प्रतिपदा 
  • इस दिन ही वसंतीय नवरात्रों की शुरूआत होती है ।
  • 9 दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है ।


गणगौर :- 

  • चैत्र शुक्ल 3 या चैत्र शुक्ल तृतीया 
  • इस दिन गण के रूप में भगवान शिव की पूजा और गौरा के रूप में मां पार्वती की पूजा की जाती हैं।
  • शिव और पार्वती को अखंड सुहाग का प्रतीक माना जाता है ।
  • जयपुर का गणगौर का त्यौहार प्रसिद्ध है , इस दिन जयपुर में मेला भरता है और सवारी निकाली जाती हैं।


नोट :-

राजस्थान में अन्य गणगौर भी मनाई जाती हैं 

जैसे :- 

गुलाबी गणगौर :- चैत्र शुक्ल 5 ( यह नाथद्वारा की प्रसिद्ध है ।)

बिना ईसर की गवर:- चैत्र शुक्ल 4 ( यह जैसलमेर की प्रसिद्ध हैं ।

बिना गवर का ईसर :- चैत्र शुल्क 4 ( यह बीकानेर की प्रसिद्ध है ।)


कर्नल जेम्स टॉड ने , उदयपुर की गणगौर का वर्णन किया हैं।

गणगौर पर हिन्दू त्यौहारों का अंत माना जाता है ।


अशोकाष्टमी :- 

  • चैत्र शुक्ल अष्टमी 
  • इस दिन अशोक के वृक्ष की पूजा की जाती है ।


रामनवमी :- 

  •  चैत्र शुल्क नवमी 
  • श्री राम चंद्र का जन्मोत्सव मनाया जाता है ।


हनुमान जन्मोत्सव :- 

  • चैत्र पूर्णिमा 
  • हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है ।
  •  नोट :- इस दिन सालासर बालाजी मेला , चुरू में और मेहंदीपुर बालाजी मेला दौसा में भरता हैं।


 वैशाख माह के त्यौहार 

 धीगा गणगौर :- 

  •  वैशाख कृष्णा तृतीया 
  •  यह त्यौहार मारवाड़ का प्रसिद्ध है ।
  •  इस त्यौहार में कुंवारी गौरा की पूजा की जाती है ।
  •  उपनाम :- वेतमार गणगौर 
  •  धीगा गणगौर मेला जोधपुर में भरता है ।


हाली अमावस :- 

  • वैशाख अमावस्या 
  • हाली का अर्थ होता है - हल जोतने वाला 
  •  इस दिन हाली की नियुक्ति की जाति है ।


हाली बीज :- 

  •  वैशाख शुक्ला द्वितीय 
  • इस दिन सूखे खेतों की जुताई शुरू की जाती है ।


अक्षय तृतीय ( आखातीज) :- 

  • वैशाख शुक्ल तृतीय 
  • इस दिन किसान 7 अनाजों की पूजा करते हैं ।
  • इसी दिन ही 1488 ईस्वी में राव बीका ने बीकानेर की नीव रखी।
  • इस दिन स्वर्ण खरीदना शुभ माना जाता है ।
  • इस दिन भगवान परशुराम का जन्मोत्सव होता है ।
  • आखातीज के दिन "अबूझ सावा" होता हैं ।


पीपल पूर्णिमा :- 

  • वैशाख पूर्णिमा 
  • पीपल वृक्ष की पूजा की जाती है ।
  • उपनाम :- बुद्ध पूर्णिमा 


ज्येष्ठ माह के त्यौहार 

वटामावस :- 

  •  ज्येष्ठ अमावस 
  •  इस दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है ।
  •  इस दिन महिलाएं वट सावित्री व्रत रखती है ।


गंगा दशहरा :- 

  • ज्येष्ठ शुक्ला दशमी 
  • इस दिन भागीरथ जी ने  गंगा नदी देवी का अवतरण धरती पर हुआ।
  • इस दिन गंगा दशहरा मेला - कामां ( डींग जिला ) में भरता है ।
  • यह ज्येष्ठ शुक्ला सप्तमी से ज्येष्ठ शुक्ला द्वादशी तक भरता हैं।


निर्जला एकादशी :- 

  •  ज्येष्ठ शुक्ला एकादशी 
  •  इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं , बिना अन्न जल के यह व्रत रखा जाता हैं।


आषाढ़ माह के त्यौहार 


भडल्या नवमी :- 

  •  आषाढ़ शुक्ला नवमी 
  •  इस दिन " अबूझ सावा " होता है ।
  •  हिंदू धर्म में शुभ मांगलिक कार्य करते हैं ।


देवशयनी एकादशी :- 

  •  आषाढ़ शुक्ला एकादशी 
  •  इस दिन से देवता चार माह के लिए सो जाते हैं ।


गुरू पूर्णिमा :- 

  •  आषाढ़ पूर्णिमा 
  •  इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्मदिवस मनाया जाता है।
  • इसे " व्यास पूर्णिमा" भी कहा जाता है ।
  • इस दिन गुरुओं की पूजा की जाती है ।


श्रावण मास के त्यौहार 

नाग पंचमी :- 

  •  श्रावण कृष्ण पंचमी 
  •  इस दिन नाग नागिन की चांदी या तांबे की प्रतिमा की पूजा की जाती हैं।
  •  इस दिन मंडोर में नाग पंचमी का मेला भरता हैं।


नीडरी नवमी :- 

  •  श्रावण कृष्ण एकादशी 
  •  इस दिन नेवला की पूजा की जाती है ।


कामिका एकादशी :- 

  •  श्रावण कृष्ण एकादशी 

हरियाली अमावस्या :- 

  •  श्रावण अमावस्या 
  •  हरियाली अमावस्या का संबंध प्रकृति, पितृ तथा शिव से है ।
  • इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है । 
  • वृक्षारोपण कर वृक्षों की देखभाल का संकल्प लिया जाता है ।
  • इस दिन सन 1917 में विजय सिंह पथिक द्वारा उपरमाल पंच बोर्ड की स्थापना की ।
  • इस दिन भरे जाने वाले मेले :- 

 डिग्गीपुरी कल्याण जी का मेला - जयपुर 

 कल्पवृक्ष मेला :- मांलियावास, ब्यावर 

 गुरुद्वारा बुड्ढा जोहड़ मेला :- रायसिंह नगर , अनूपगढ़ 

इस दिन महिलाएं जिनके प्रसूति के दौरान शिशु का देहांत हो जाता है वो इस दोष के निवारण हेतु " पिट्ठोरी व्रत" रखती हैं।

 

सिंजारा   :- 

  • श्रावण शुक्ला द्वितीया 
  • इस दिन जिन लड़कियों की सगाई हो जाती है या नव विवाहिता को सुसराल से सिंजारा दिया जाता है ।
  • सिंजारा में साड़ी, मेंहदी , लाख की चूड़ियां, लहरिया अन्य श्रृंगार का सामान , मठरी, पंजीरी, मिठाई तथा विशेषकर घेवर शामिल है।


हरियाली तीज / तीज :- 

  •  श्रावण शुक्ला तृतीया 
  •  उपनाम :- 
  झूला तीज 
  छोटी तीज 
  मधुश्रवातीज 
  • इस त्यौहार में महिलाएं सामूहिक रूप से देवी पार्वती की पूजा करती है ।
  • इस दिन को महिलाएं श्रृंगार दिवस के रूप में मानती हैं , महिलाएं इस दिन सजती संवरती हैं और झूला झूलती हैं , लोकगीत गाती हैं।
  • हिन्दू धर्म में इस दिन को त्यौहारों की शुरूआत के रूप में जाना जाता हैं।
  • इस जयपुर में तीज का मेला भरता हैं और तीज की सवारी निकाली जाती हैं।


एकादशी/ श्रावण पुत्रदा एकादशी :- 

  •  श्रावण शुक्ला एकादशी 
  •  इस दिन मेड़ता सिटी , नागौर में चारभुजानाथ मेला भरता हैं , जो श्रावण शुक्ला एकादशी से सात दिन तक चलता है ।


रक्षा बंधन :- 

  •  श्रावण पूर्णिमा 
  •  अन्य नाम :- 
 नारियल पूर्णिमा, सत्य पूर्णिमा, संस्कृत दिवस, गायत्री जयंती 
  •  इस दिन श्रवन कुमार की पूजा की जाती हैं।
  •  नोट :- चारण समाज रक्षा बंधन नहीं मनाते हैं ।
  •  श्रावण शुक्ला ( अंतिम सोमवार) को मंडोर, जोधपुर में वीरपुरी मेला लगता है ।


भाद्रपद माह के त्यौहार 


 बड़ी तीज :- 

  •   भाद्रपद कृष्णा तृतीया 
  •   अन्य नाम :- कजली तीज, सातुड़ी तीज , बूढ़ी तीज     , बड़ी तीज ।
  •  इस दिन मां पार्वती की पूजा व नीम के पेड़ की   जाती  है ।
  •  इस दिन बूंदी का प्रसिद्ध कजली तीज महोत्सव का आयोजन किया जाता है ।
  •  इस महोत्सव का आकर्षण " चकरी नृत्य" है ।


 हल छठ/ ऊब छठ :- 

  •  भाद्रपद कृष्णा षष्ठी 
  •  इस दिन बलराम जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है ।
  •  अन्य नाम :- चंदन षष्ठी , बलराम जयंती।
  •  ऊब छठ के दिन संतान प्राप्ति के लिए खड़े होकर व्रत किया जाता हैं।


 श्रीकृष्ण जन्माष्टमी :- 

  •   भाद्रपद कृष्ण अष्टमी 
  •   श्री कृष्ण का जन्मोत्सव।
  •   संत जम्भोजी का जन्मोत्सव।


 गोगानवमी/ गोगामेड़ी मेला :- 

  •   भाद्रपद कृष्ण नवमी 
  •   संत गोगा जी का मेला  गोगामेड़ी में भरता है ।
  •   इसी दिन संत गोगा जी का जन्म हुआ था ।

 नरहर के पीर का उर्स भरता है ।


बच्छवारस/ वात्सद्वादशी / वैदिक धेनुद्वादशी :- 

  •  भाद्रपद कृष्णा द्वादशी 
  •  इस दिन गाय , बछड़ा की पूजा  की जाती हैं।
  •  इस दिन गाय से निर्मित वस्तुओ का उपयोग नहीं करता है ।


सतिया अमावस :- 

 भाद्रपद अमावस।


भादवी दूज/ बाबे री बीज :- 

  •   भाद्रपद शुक्ला द्वितीय 
  •   बाबा रामदेव जी का जन्मदिवस 
  •   इस दिन रामदेवरा मेला  जी का मेला शुरू होता है और एकादशी तक चलता है ।


गणेश चतुर्थी :- 

  •  भाद्रपद शुक्ला चतुर्थी 
  •  अन्य नाम :- शिवा चतुर्थी, चतरा चौथ 
  •  इस दिन भरे जाने वाले मेले 
  • त्रिनेत्र गणेश जी मेला रणथंभौर में भरता हैं।
  •  चुंघी जैन तीर्थ मेला जैसलमेर में भरता हैं।
  •  पांडुपोल मेला ( हनुमान जी का मेला ) - अलवर में भरता है।


 हरतालिका तीज  :- 

  •   भाद्रपद शुक्ला तृतीया 
  •   इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं ।
  •  इस दिन बांगर क्षेत्र में सिंजारा मनाया जाता हैं।


ऋषि पंचमी  :- 

  •   भाद्रपद शुक्ला पंचमी 
  •   इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है , दान   पुण्य किए जाते हैं।
  •  इस दिन माहेश्वरी, पारीक समाज रक्षा बंधन का पर्व मनाते हैं।


राधाष्टमी :- 

  •  भाद्रपद शुक्ला अष्टमी
  •  इस दिन दधीची जयंती भी मनाई जाती है ।
  •  इस दिन भरे जाने वाले मेले - 
  •    भर्तृहरि मेला - अलवर 
  •   निंबार्क संप्रदाय का मेला - निंबार्क नगर, सलेमाबाद ( निंबार्क संप्रदाय में राधा कृष्ण के युगल रूप की पूजा की जाती हैं।)


तेजादशमी :- 

  • भाद्रपद शुक्ल दशमी 
  • अन्य नाम - धूप सुगंध दशमी , विश्वकर्मा जयंती।
  • तेजादश्मी तेजा जी की पुण्यतिथि के रूप में मनाते हैं 
  • पर्वतसर, डीडवाना - कुचामन में पशु मेला भरता है ।


देवउठनी ग्यारिश / जलझूलनी एकादशी :- 

  • भाद्रपद शुक्ल एकादशी 
  • अन्य नाम - रेवाड़ी ग्यारिस, ढोला ग्यारस।
  • गढ़बौर राजसमंद में चुरभुजा मेला भरता है ।


अनंत चतुर्दशी पर्व :- 

  • भाद्रपद शुक्ल 14
  • इस दिन गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है ।


श्राद्ध पक्ष :- 

  •  भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन अमावस 
  • 16 दिनों का होता है ।
  • पितृओं को तर्पण दिया जाता है ।


सांझी पर्व :- 

  • सांझी मां पार्वती का प्रतीक होती है ।
  • कुंवारी कन्याओं द्वारा 16  दिन तक पूजा की जाती है ।
  •  पूर्णिमा से दशमी तक :- छोटी सांझी 
  •  एकादशी से अमावस तक :- बड़ी सांझी।

 नोट :- नाथद्वारा मंदिर में स्तिथ कमलचौक की केले के पत्तों की सांझी प्रसिद्ध है ।


आश्विन माह के त्यौहार 


शारदीय नवरात्रा :- 

  •  आश्विन शुक्ल प्रथम से आश्विन शुक्ल नवमी।
  •  मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है ।


दुर्गाष्टमी :- 

  • आश्विन शुक्ल अष्टमी  
  • यह बंगाल का प्रसिद्ध त्यौहार है ।


दशहरा/ विजयादशमी :- 

  • आश्विन शुक्ल दशमी 
  • इस दिन श्री राम ने रावण का वध किया था ।
  • इस दिन अस्त्रों की पूजा की जाती है ।
  • रजवाड़ों मैं शस्त्र पूजा व दरबार आयोजन किया जाता है ।
  • इस दिन कोटा में दशहरा मेला भरता है जी विश्व प्रसिद्ध है ।
  • मंडोर के ब्राह्मण इस दिन को शोक दिवस के रूप में मनाते हैं।


शरद पूर्णिमा :- 

  • आश्विन शुक्ल पूर्णिमा 
  • इस दिन वर्ष की सबसे अधिक चांदनी होती हैं।
  •  इस दिन चंद्रमा को खीर के दर्शन करवाते है ।
  • इस पूर्णिमा को रास पूर्णिमा व कोजागिरी भी कहा जाता है ।


कार्तिक माह के त्यौहार 


करवा चौथ :- 

  • कार्तिक कृष्ण चतुर्थी 
  • सुहागिन महिलाएं चौथ माता का व्रत रखती हैं।


अहोई अष्टमी :- 

  • कार्तिक कृष्णा अष्टमी 
  • स्याउ माता की पूजा की जाति है ।
  • माता पुत्र की दीर्घायु के लिए व्रत रखती है ।


तुलसी एकादशी :- 

  • कार्तिक कृष्णा एकादशी 
  • महिलाए व्रत रखती हैं और तुलसी माता की पूजा की जाती हैं।


धनतेरस :- 

  • कार्तिक कृष्णा त्रयोदशी 
  • धन की पूजा की जाती हैं। 
  • कुबेर देवता की पूजा की जाती है ।
  • यमराज की पूजा की जाती है ।
  • चांदी और बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है ।
  • इस दिन धनवंतरी जयंती भी मनाई जाती है ।


रूप चतुर्दशी :- 

  • कार्तिक कृष्णा चतुर्दशी 
  • छोटी दीपावली भी इसी दिन मनाई जाती है ।
  • रूप सौंदर्य का त्योहार है ।


दीपावली :- 

  • कार्तिक अमावस्या 
  • श्री राम जी के 14 वर्ष वनवास काटकर अयोध्या लौटने की खुशी में ।
  • दीपोत्सव किया जाता है ।
  • हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है ।
  • संध्या में माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है ।
  • इसी दिन विक्रम संवत जारी किया गया ।
  • इसी दिन धर्मराज युधिस्टर का राज्यभिषेक हुआ ।
  • इस दिन महावीर स्वामी व स्वामी दयानंद सरस्वती को मोक्ष प्राप्ति हुई।


गोवर्धन पूजा :- 

  • कार्तिक शुक्ल 1
  • गोबर से गोवर्धन बनकर पूजा की जाती है ।
  • इसे भगवान श्री कृष्ण का प्रतीक माना जाता है ।
  • इस दिन नाथद्वारा में अन्नकूट महोत्सव का आयोजन होता है , इस महोत्सव का भीलों द्वारा लूट दृश्य प्रसिद्ध है ।


भैया दूज :- 

  • कार्तिक शुक्ल द्वितीया 


गोपाष्टमी :- 

  • कार्तिक शुक्ल अष्टमी 
  • इस दिन गायों और बछड़ों की पूजा की जाती है ।


आंवला नवमी :- 

  • कार्तिक शुक्ल नवमी 
  • आंवला वृक्ष की पूजा की जाती है ।


देवोत्थान एकादशी :- 

  • कार्तिक शुक्ल एकादशी 
  • अन्य नाम :- प्रबोधिनी ग्यारस, देवउठनी ग्यारस 
  • देवता 4 माह बाद जागते हैं।
  • इस दिन भगवान विष्णु और तुसली का विवाह कराया जाता है ।

नोट :- हिंदु धर्म में 4 माह बाद शुभ मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं।


त्रिपुर पूर्णिमा  :- 

  • कार्तिक पूर्णिमा 
  • इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था ।
  • अन्य नाम :- देव पूर्णिमा ( भगवान विष्णु का प्रथम अवतार मत्स्य अवतार इसी दिन लिया गया था )
  • गुरू नानक देव ( सिख धर्म) का जन्म इसी दिन हुआ 
  • इसे सत्यनारायण पूर्णिमा भी कहते हैं।


नोट :- मार्गशीष और पौष माह में कोई त्यौहार नहीं आते हैं ।


मकर सक्रांति :- 

  •  हिंदु धर्म के एक त्यौहार जिसे अंग्रेजी कलेंडर की 14 जनवरी को मानते हैं ।
  • इस दिन को दान पुण्य और गंगा स्नान की दृष्टि से बहुत शुभ जाना जाता हैं।
  • सुहागिन महिलाएं सुहाग की 13 वस्तुओं को दान करती है इसे " तेरुण्डा" कहते हैं।
  • बहु द्वारा रूठी सास को मनाया जाता है ।
  • जयपुर में इस दिन पतंगोत्सव मनाया जाता हैं।


माघ माह के त्यौहार 

संकट चतुर्थी :- 

  • माघ कृष्ण चतुर्थी 
  • अन्य नाम - तिलचौथ, तिलकुटा चौथ।
  • इस दिन महिलाएं चौथ माता का व्रत रखती हैं।
  • चौथ का बरवाड़ा, सवाई माधोपुर में चौथ माता का मेला भरता हैं।


मौनी अमावस :- 

  • माघ अमावस्या 
  • भगवान मनु का जन्म दिवस।
  • इस दिन मौन व्रत रखा जाता है ।


सूर्या सप्तमी :- 

  • माघ शुक्ला सप्तमी 
  • इस भगवान सूर्य का व्रत रखा जाता है एवम पूजा की जाती है ।
  • जयपुर में सूर्य भगवान की रथ यात्रा निकलती है।


बसंत पंचमी :- 

  • माघ शुक्ला पंचमी 
  • बसंत ऋतु की शुरूआत 
  • इस दिन को यौवनोत्सव के रूप में मनाया जाता है , इस दिन प्रकृति यौवन रूप में दिखाई देती लगती है ।
  • मां सरस्वती की पूजा की जाती है और पीले मिष्ठान का भोग लगता है।
  • इस दिन कामदेव की भी पूजा की जाती है।

नोट :- इस दिन चरणदासी संप्रदाय का मेला डेहरा, अलवर में लगता है ।


भीमाष्टमी  :- 

  • माघ शुक्ल अष्टमी 
  • इस दिन भीष्म पितामह ने देह त्याग किया था ।


फाल्गुन माह के त्यौहार 

महाशिवरात्रि :- 

  • फाल्गुन कृष्णा त्रयोदशी 
  • भगवान शिव के विवाह की याद में ।
  • इस दिन शिवरात्रि मेला शिवाड़, सवाई माधोपुर में जहां द्वादशवा ज्योतिर्लिंग, घुमेश्वर महादेव है ।
  • इसी दिन करौली में शिवरात्रि पशु मेला भरता है ।


फुलेरा दूज :- 

  • फाल्गुन शुक्ला द्वितीय 
  • अबूझ सावा होता हैं , विवाह और शुभ मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम दिन होता है ।


ढूंढ :- 

  • फाल्गुन शुक्ला एकादशी 
  • ढूंढ , यह एक तरह का रिवाज माना जाता है ।
  • इस दिन ननिहाल पक्ष में संतान प्राप्ति पर मिठाई बांटी जाती है।


होली :- 

  • फाल्गुन पूर्णिमा
  • हिंदु धर्म का दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार ।
  • इस दिन होलिका दहन किया जाता है ।

राजस्थान की प्रसिद्ध होलियां 

कंडामार होली - गलियाकोट , डुंगरपुर 

लट्ठमार होली - महावीर जी , करौली 

देवर भाभी होली - ब्यावर 

अंगारों की होली - लालसोठ, दौसा व केकड़ी।

जन्म मरण परण होली - जयपुर 

कपड़ाफाड़ होली - पुष्कर, अजमेर।

कोडामार होली - भिनाय, केकड़ी।

पत्थरमार होली - बाड़मेर 

बाल्टीमार होली  - बीकानेर 

दूध दही की होली - नाथद्वारा 

कंकन मार होली - जैसलमेर 

नहान होली - सांगोद, जयपुर।

बादशाह की होली - ब्यावर

फूलडोल महोत्सव - शाहपुरा 

हुरंगा होली - डींग 

फूलों की होली - गोविंद देव जी जयपुर।


चैत्र माह के कृष्ण पक्ष के त्यौहार 


धुलंडी :- 

  • चैत्र कृष्ण १
  • बाड़मेर, जालौर क्षेत्र में इलोजी ( होलिका का मंगेतर) इनको कुंवारों का देवता भी कहा जाता है , की बारात निकाली जाती है ।


शीतलाष्टमी :- 

  • चैत्र कृष्णा अष्टमी 
  • शीतला माता की पूजा की जाती है ।
  • शीतला माता को बस्योडा का भोग लगाया जाता है ।
  • शीतला माता के अन्य नाम - 
बच्चों की संरक्षिका 
चेचक की देवी 
शेढल माता / सेड माता 
अचपडा की देवी 
  • इनका पुजारी कुम्हार होता है और वाहन गधा है ।

नोट :- अनगड़े फफोलेदार पत्थर पर वासे भोजन का भोग लगाया जाता है ।

इस दिन शीलडूंगरी, चाकसू में मेला भरता है , इस मेले को बैलगाड़ियों का मेला भी कहा जाता है।



आज के इस ब्लॉग में हमने हिंदू धर्म के सभी त्यौहार जो एग्जाम की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है , सबको विवरण के साथ दिया हैं अगर आप को हमारे ब्लॉग पर एग्जाम से संबंधी कोई भी जानकारी चाहिए तो हमको फेसबुक पेज फ़ॉलो करें।


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