आमेर का कच्छवाहा वंश :- सवाई जयसिंह का इतिहास, सांस्कृतिक उपलब्धियां

आमेर का कच्छवाहा वंश :- सवाई जयसिंह का इतिहास, सांस्कृतिक उपलब्धियां //Kachchwaha dynasty of Amer:- History of Sawai Jai Singh, cultural achievements




Rj news के exam preparation hub की राजस्थान के इतिहास की सीरीज में हमने आमेर के दुल्हेराय से सवाई मानसिंह तक के इतिहास संबंधी महत्त्वपूर्ण जानकारियां अच्छे से पूर्ण कर ली , आज के ब्लॉग में आमेर के इतिहास में दुसरे प्रमुख शासक सवाई जयसिंह के बारे में अच्छे से एक एक बिंदु को कवर करेंगे ।


सवाई जयसिंह ( 1700 - 1743 ईस्वी )

  • सवाई जयसिंह ने सात मुगल बादशाहों के साथ कार्य किया था ।
  • औरंगजेब ने इन्हें सवाई की उपाधि दी ।
  • जयसिंह के बाद सभी जयपुर शासकों ने सवाई की उपाधि धारण की ।


जाजऊ का युद्ध (1707 ईस्वी )


  • सवाई जयसिंह ने मुगल उत्तराधिकार संघर्ष में आजम का साथ और इनके भाई विजयसिंह ने मुअज्जम ( बहादुर शाह प्रथम) का साथ दिया ।
  • इस युद्ध में मुअज्जाम - बहादुर शाह प्रथम की विजय हुई ।
  • मुअज्जम बहादुर शाह प्रथम के नाम से बादशाह बने 
  • बहादुर शाह प्रथम ने आमेर पर आक्रमण किया और सवाई जयसिंह को हटाकर इनके भाई विजय सिंह को राजा बना दिया ।
  • बहादुर शाह प्रथम ने आमेर का नाम बदलकर मोमिनाबाद/ इस्लामाबाद कर दिया ।


देबारी समझौता 1708 ईस्वी 

  • सवाई जयसिंह मारवाड़ के दुर्गादास राठौड़ के पास और इन्होंने मिलकर मेवाड़ के अमरसिंह द्वितीय के साथ व मारवाड़ के शासक अजीतसिंह के साथ मिलकर देबारी समझौता किया ।
  • देबारी समझौता ( मेवाड़) में हुआ , इसकी प्रमुख शर्त निम्नलिखित है 
  • अमरसिंह द्वितीय की पुत्री चंद्रकंवर का विवाह सवाई जयसिंह के साथ किया जाएगा ।
  • इन दोनो का पुत्र आमेर का अगला शासक बनेगा।
  • देबारी समझौता के बाद सवाई जयसिंह पुनः आमेर के शासक बने।

Whatsapp Channel

Telegram channel

सांभर का युद्ध ( 1709 ईस्वी )

  • बहादुर शाह प्रथम ने अपने सेनापति सैय्यद हुसैन खां तथा सवाई जयसिंह और मारवाड़ शासक अजीतसिंह के मध्य हुआ ।
  • इस युद्ध में सवाई जयसिंह की जीत हुई ।


बूंदी विवाद 

  • बूंदी के शासक बुद्ध सिंह की शादी सवाई जयसिंह की बहन अमर कंवर से हुई थी।
  • इन दोनों की संतान नहीं होने के कारण बुद्ध सिंह ने जयसिंह के कहने पर करवड़ के सामंत सालम सिंह के पुत्र दलेल सिंह को दत्तक पुत्र बना लिया एवम् सवाई जयसिंह ने अपनी पुत्री कृष्णा कंवर का विवाह दलेल सिंह के साथ किया ।
  • कुछ वर्षों बाद बुद्ध सिंह और अमरकंवर के पुत्र हुआ उसका नाम उम्मेद सिंह था।
  • बुद्ध सिंह के दत्तक पुत्र दलेल सिंह और पुत्र उम्मेद सिंह के मध्य उत्तराधिकार का संघर्ष 10 से 15 वर्षों तक चला।
  • दलेल सिंह के साथ सवाई जयसिंह ने अपनी पुत्री का विवाह किया इसलिए जयसिंह ने दलेल सिंह का साथ दिया व इनकी बहन अमर कंवर दलेल सिंह के पक्ष में नहीं थी ।
  • उम्मेदसिंह का साथ मराठाओं ने दिया ।

नोट :- बुद्ध सिंह द्वारा लिखित पुस्तक - नहर - तरंग।


भरतपुर विवाद 

मोहकम सिंह v/s बदन सिंह 

  • भरतपुर विवाद में सवाई जयसिंह ने बदन सिंह का साथ दिया ।
  • बदनसिंह को डींग की जागीर दी तथा बृजराज की उपाधि दी ।


  • मुगल बादशाह मोहम्मद शाह रंगीला ने सवाई जयसिंह को राजराजेश्वर की उपाधि दी।

Whatsapp Channel

Telegram channel

गंगवाना ( अजमेर ) का युद्ध : - 1741ईस्वी

  • मारवाड़ शासक अभयसिंह v/s बीकानेर शासक जोरावर सिंह 
  • इस युद्ध में सवाई जयसिंह ने बीकानेर शासक जोरावर सिंह का साथ दिया ।
  • इस युद्ध में जोरावर सिंह को जीत हुई ।


मराठों के खिलाफ 

  • सवाई जयसिंह को मराठों के खिलाफ 3 बार मालवा का सूबेदार बनाया गया ।

पीलसुद का युद्ध - 1715 ईस्वी 

  • इस युद्ध में सवाई जयसिंह ने मुगल बादशाह फरुख्सियर का प्रतिनिधि बनकर मराठों के साथ युद्ध किया ।
  • इस युद्ध में सवाई जयसिंह की जीत हुई ।

मंदसौर का युद्ध - 1733 ईस्वी 

  • इस युद्ध में मराठों के जीत हुई ।


हूरडा सम्मेलन 

  • 17 जुलाई 1734 ईस्वी हूरडा गांव, भीलवाड़ा में मराठों के खिलाफ राजपुताने के सभी राज्यों को एकत्रित करने के लिया किया गया ।

हूरडा सम्मेलन की विस्तृत जानकारी के लिए  इस लिंक पर क्लिक करें 


रामपुरा ( कोटा ) का युद्ध - 1735 ईस्वी 

  • हूरडा सम्मेलन में मराठों के खिलाफ युद्ध के लिए रामपुरा स्थान चुना गया ।
  • लेकिन आपसी मनमुटाव के कारण सवाई जयसिंह का साथ सभी राजाओं ने नहीं दिया ।
  • परिणामस्वरूप इस युद्ध में मराठों की जीत हुई ।


धौलपुर समझौता - 1741 ईस्वी 

  • मराठों के सेनापति पेशवा बालाजी बाजीराव और सवाई जयसिंह ( मोहम्मद शाह रंगीला) के प्रतिनिधि के रूप में दोनों के मध्य हुआ ।


सवाई जयसिंह की सांस्कृतिक उपलब्धियां 

  • सवाई जयसिंह ने जयपुर शहर की स्थापना 18 नवंबर 1727 ईस्वी को की ।
  • केंटन( चाइना) व बगदाद ( इराक) इन दोनों शहरों के आधार पर जयपुर का नक्शा तैयार करवाया।
  • जयपुर शहर के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य ( 9 वर्ग सिद्धांत) थे ।
  • जयपुर के ज्योतिषी - जेवियर डी सिल्वा ( पुर्तगाली)
  • जयपुर में बादल महल का निर्माण करवाया ।
  • नाहरगढ़ (सुदर्शनगढ़) दुर्ग बनवाया।
  • जलमहल का निर्माण करवाया।
  • सिसोदिया रानी का महल का निर्माण करवाया ।
  • राजा ने स्वयं के रहने के लिए चंद्रमहल बनवाया।
  • हरमाड़ा नहर का निर्माण करवाया ।
  • भारत के पांच शहरों में जंतर मंतर का निर्माण करवाया 

दिल्ली , जयपुर , मथुरा , वाराणसी, उज्जैन।

  • गोविंद देव जी ( गौडीय संप्रदाय) मन्दिर का निर्माण करवाया ।


सवाई जयसिंह की पुस्तके 

  • जीज मोहम्मदशाही 
  • जयसिंह कारिका 

सवाई जयसिंह के दरबारी विद्वान 

  • पंडित जगन्नाथ - सिद्धांत सम्राट, सिद्धांत कौस्तुम 
  • पुंडरीक रत्नाकर - जयसिंह कल्पद्रुम 
  • केवतराम 
  • नयनचंद्र मुखर्जी
  • मुहम्मद मेहरी 
  • मुहम्मद शरीफ 


सवाई जयसिंह का चित्रकला में योगदान 

  • चित्रकला विभाग - सुरतखाना बनवाया ।


सवाई जयसिंह के सामाजिक सुधार 

  • सती प्रथा पर रोक 
  • अंतर जातीय विवाह की अनुमति 
  • ब्राह्मणों के आपसी भेदभाव मिटाया।
  • साधु संतो को गृहस्थ 
  • बाल विवाह पर रोक ।
  • विधवा विवाह करवाए।


  • सवाई जयसिंह ने 1740 ईस्वी में अश्वमेघ यज्ञ का आयोजन करवाया ।
  • यह भारत का अंतिम अश्वमेघ यज्ञ था।
  • दीपसिंह कुंभानी ने अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े को रोका ।
  • लक्ष्मीकुमारी चुंडावत ने इस पर अश्वमेघ रो स्वांग पुस्तक लिखी ।


दोस्तों आपको अगर हमारे प्रयास अच्छे लग रहे हैं तो इस ब्लॉग को ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर करें और हमारे व्हाट्सएप व टेलीग्राम चैनल को जॉइन करें।

अपने सुझाव कॉमेंट्स के माध्यम से हमें बताए जिससे हम आपके लिए और उत्कृष्ट लेख लेकर आएं।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ