राजस्थान कला व संस्कृति : जालौर,उदयपुर, चूरू, झालावाड़, सवाईमाधोपुर , बांसवाड़ा, बाड़मेर,बालोतरा , बारां और भरतपुर जिले के प्रमुख मंदिर

 राजस्थान कला व संस्कृति : जालौर,उदयपुर, चूरू, झालावाड़, सवाईमाधोपुर , बांसवाड़ा, बाड़मेर,बालोतरा , बारां और भरतपुर जिले के प्रमुख मंदिर

राजस्थान कला व संस्कृति : जालौर,उदयपुर, चूरू, झालावाड़, सवाईमाधोपुर , बांसवाड़ा, बाड़मेर,बालोतरा , बारां और भरतपुर जिले के प्रमुख मंदिर



राजस्थान के जालौर और उदयपुर जिले न केवल अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि यहां के मंदिर भी भक्तों और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। इस ब्लॉग में हम इन दोनों जिलों के प्रमुख मंदिरों का विवरण प्रस्तुत करेंगे, ताकि आप अपने धार्मिक यात्रा के दौरान इन अद्भुत स्थलों को ना चूकें।

जालौर जिले के प्रमुख मंदिर

1. सिरे मंदिर

जालौर के कनकावती पहाड़ी पर स्थित सिरे मंदिर नाथ सम्प्रदाय से संबंधित है। यह जालंधर नाथ की तपोस्थली है और जोधपुर के महाराजा मानसिंह राठौड़ द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर में भक्तों का आस्था का केंद्र है।

2. आशापुरा माता मंदिर

मोदरा में स्थित आशापुरा माता मंदिर, जिसे महोदरी माता भी कहा जाता है, जालौर के सोनगरा चौहानों की कुलदेवी है। यहां की पूजा-अर्चना से भक्तों को आशीर्वाद मिलता है।

3. वराह मंदिर

भीनमाल में स्थित वराह मंदिर में 7 फीट ऊंची वराह मूर्ति है। यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यहां की वास्तुकला भी अद्वितीय है।

4. सुंधा माता मंदिर

जसवतपुरा में स्थित सुंधा माता मंदिर सुघान्द्री पर्वत पर है। इसे अघेटश्वरी के रूप में पूजा जाता है। यहां का वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य भक्तों को आकर्षित करता है।

उदयपुर जिले के प्रमुख मंदिर

1. अंबिका माता मंदिर

उदयपुर में स्थित अंबिका माता मंदिर, जगत अंबिका के नाम से प्रसिद्ध है। इसे मेवाड़ का खुजराहों भी कहा जाता है और यहां की मूर्तियां अद्भुत हैं।

2. सास बहू मंदिर

नागदा में स्थित सास बहू मंदिर, विष्णु का मंदिर है जिसे सहस्त्रबाहु मंदिर भी कहा जाता है। यहां दो मंदिर बने हुए हैं, जो वास्तुकला के अनूठे उदाहरण हैं।

3. जगदीश मंदिर

उदयपुर के जगदीश मंदिर का निर्माण 1651 में महाराणा जगतसिंह ने करवाया था। इसे सपनों में बना मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर के वास्तुकार अर्जन, भाना और मुकुंद थे।

4. एकलिंगनाथ जी का मंदिर

कैलाशपुरी उदयपुर में स्थित एकलिंगनाथ जी का मंदिर, बप्पा रावल द्वारा बनवाया गया था। यह मेवाड़ शासकों के कुल देवता हैं और शैव सम्प्रदाय से संबंधित है।

5. गुप्तेश्वर महादेव मंदिर

उदयपुर के तीतरडी में स्थित गुप्तेश्वर महादेव मंदिर, हाड़ा पर्वत पर है। इसे मेवाड़ का अमरनाथ कहा जाता है और यहां की प्राकृतिक सुंदरता अद्भुत है।

6. जावर का विष्णु मंदिर

सलूंबर में स्थित जावर का विष्णु मंदिर, महाराणा कुम्भा की पुत्री रमा बाई (बागेश्वरी) द्वारा बनवाया गया था। इसके शिल्पी सूत्रधार ईश्वर थे, जो इसे और भी खास बनाते हैं।

चूरू के प्रमुख मंदिर

  1. तिरुपति बालाजी (सुजानगढ़):

    • संचालक: वेंकटेश फाउंडेशन
    • वास्तु: द्रविड़ शैली
    • विशेषता: भित्ति चित्रों में भगवान विष्णु के 10 अवतारों का चित्रण।
  2. सालासर बालाजी:

    • पूजा: हनुमान जी के शीश की।
    • विशेषता: दाढ़ी मूंछ वाले बालाजी की मूर्ति खेत में स्वयं प्रकट हुई।

झालावाड़ के प्रमुख मंदिर

  1. सूर्य मंदिर (झालरापाटन):

    • विशेषता: घुटनों तक जूते पहने हुए सूर्य की प्रतिमा।
    • उपनाम: घंटियों का शहर, पद्मनाभ मंदिर, और सात सहलियों का मंदिर।
  2. शीतलेश्वर महादेव मंदिर:

    • विशेषता: राजस्थान का पहला तिथि अंकित मंदिर (689 ईस्वी)।
    • उपनाम: अर्द्धनारीश्वर मंदिर, चंद्रमोलेश्वर मंदिर।
    • स्थान: चंद्रभागा नदी के किनारे।

सवाई माधोपुर जिले के प्रमुख मंदिर

  1. त्रिनेत्र गणेश मंदिर (रणथंभौर):

    • विशेषता: गणेश जी के मुख की पूजा की जाती है।
    • महत्त्व: सबसे प्राचीन गणेश मंदिर।
  2. घुमेश्वर महादेव मंदिर (शिवाड़):

    • महत्त्व: द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक।

बांसवाड़ा के प्रमुख मंदिर

  1. त्रिपुरा सुंदरी मंदिर (तलवाड़ा):

    • कुल देवी: पांचाल जाति की।
    • उपनाम: तुरताई माता, काले संगमरमर की मूर्ति।
  2. घोटिया अंबा मंदिर:

    • विशेषता: चेत्र अमावस्या को मेला लगता है।
    • पांडवों के वनवास से संबंधित स्थल।
  3. ब्रह्म मंदिर:

    • निर्माण: 12वीं सदी में, महारावल जगमाल द्वारा।
  4. अथूर्णा मंदिर:

    • संबंधित: परमारों से, शैव संप्रदाय "लकुलिश सम्प्रदाय"से सम्बन्धित 
    • परमार शासक "मांडलिक"के पुत्र चामुंडाराय द्वारा निर्माण करवाया गया।
 

बाड़मेर जिले के प्रमुख मंदिर

  1. किराडू मंदिर (हाथमा गांव के पास):
    • उपनाम: किरातकूप, राजस्थान का खुजराहों।
    • विशेषता: यहाँ चार शिव मंदिर स्थित हैं, जिन्हें सोमेश्वर मंदिर भी कहा जाता है।
    • अन्य: एक विष्णु मंदिर भी यहाँ मौजूद है।
    • वास्तुकला: मंदिरों की भव्यता और जटिल नक्काशी इस स्थल को विशेष बनाती है, जो कला और संस्कृति का उत्कृष्ट उदाहरण है।

किराडू मंदिर समूह न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसकी वास्तुकला भी पर्यटकों को आकर्षित करती है। यहाँ की नक्काशी और संरचना दर्शाती है कि यह स्थान प्राचीन समय में एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र रहा होगा।


२.हल्देश्वर महादेव मंदिर (सिवाना, बालोतरा)

  • स्थान: छप्पन की पहाड़ियों पर स्थित।
  • विशेषता: यह मंदिर एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जो भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।
  • प्राकृतिक सौंदर्य: मंदिर का स्थान पहाड़ियों में होने के कारण यहाँ का वातावरण शांति और प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ है।

नोट:

  • पीपलुद: इसे "राजस्थान का लघु माउंट" कहा जाता है, जो पहाड़ी क्षेत्र में अपनी अद्वितीय सुंदरता और धार्मिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है।

बारां जिले के प्रमुख मंदिर

1. भंडदेवर मंदिर, किशनगंज

भंडदेवर मंदिर का निर्माण मेदवंशीय मलायवर्मा द्वारा किया गया था। इसे हाड़ौती का "मिनी खुजराहों" भी कहा जाता है। इस मंदिर की विशेषता इसकी अद्भुत नक्काशी और स्थापत्य कला है, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।

2. ब्रह्माणी माता मंदिर, सौरसेन

यह देश का एकमात्र मंदिर है, जहां देवी की पीठ की पूजा की जाती है। झाला जालिम सिंह द्वारा इस मंदिर में सीढ़ियों का निर्माण करवाया गया, जो श्रद्धालुओं के लिए यहां पहुंचने का रास्ता प्रदान करता है।

3. सीताबाड़ी मंदिर

यह मंदिर सीता माता, लक्ष्मण जी और बाल्मिकी जी का है। यहां सहरिया जनजाति का कुंभ भरता है, और जयेष्ठ अमावस्या पर विशाल मेला आयोजित किया जाता है। यह स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है।

भरतपुर जिले के प्रमुख मंदिर

1. गंगा मंदिर

इस मंदिर का निर्माण बलयंत सिंह द्वारा करवाया गया। मंदिर में लगी हुई गंगा मूर्ति बृजेन्द्र सिंह द्वारा स्थापित की गई है, जो इस स्थान को एक विशेष धार्मिक महत्व देती है।

2. उषा मंदिर, बयाना

बयाना का पुराना नाम सोनितपुर था। इस मंदिर का निर्माण रानी चित्रलेखा ने किया था, लेकिन बाद में इसे इल्तुतमिश द्वारा उषा मस्जिद में बदल दिया गया। यह स्थान ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

3. लक्ष्मण मंदिर

राजा बदन सिंह द्वारा निर्मित इस मंदिर को राजा बलदेव सिंह ने नया स्वरूप दिया। यह मंदिर भरतपुर के जात शासकों के कुल देवता के रूप में पूजा जाता है।

भीलवाड़ा जिले के प्रमुख मंदिर

1. तिलस्वा महादेव मंदिर

भीलवाड़ा में स्थित इस मंदिर में कुष्ठ रोगियों के इलाज की मान्यता है। यह धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं के लिए आस्था और विश्वास का प्रतीक है।

2. सवाई भोज मंदिर, आसींद

यह मंदिर गुर्जर समाज के आराध्य देवनारायण भगवान के पिताजी के लिए महत्वपूर्ण है। खारी नदी के किनारे स्थित यह तीर्थ स्थल समाज के लिए विशेष महत्व रखता है।


आज के इस एक्जाम सम्बन्धित ब्लॉग सीरीज के माध्यम से , जालौर,उदयपुर, चूरू, झालावाड़, सवाईमाधोपुर , बांसवाड़ा, बाड़मेर,बालोतरा , बारां और भरतपुर जिले के प्रमुख मंदिरों की अच्छे प्रकार से कवर किया है आगे भी हमारे प्रयास जारी रहेंगे ताकि विद्यार्थियों को कम समय में अधिक से अधिक पाठ्यक्रम पूर्ण करवाया जा सके।






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