राजस्थान के 50 जिले और 10 संभागों की स्तिथि और भौगोलिक विशेषताओं वाले क्षेत्र एवं उनके नाम
राजस्थान में संभागीय व्यवस्था का इतिहास और इसका वर्तमान स्वरूप निम्नलिखित बिंदुओं में समझा जा सकता है:
प्रारंभिक संभागीय व्यवस्था: 1940 में हीरालाल शास्त्री की सरकार ने राजस्थान में संभागीय व्यवस्था की शुरुआत की, जिसमें पहले पाँच संभाग थे: जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर और उदयपुर।
अजमेर का गठन: 1 नवंबर 1956 को अजमेर को एक अलग जिला बनाते हुए जयपुर संभाग से अलग कर छठा संभाग बनाया गया।
भरतपुर संभाग: 4 जून 2005 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने भरतपुर को राजस्थान का सातवां संभाग घोषित किया।
संभागीय व्यवस्था का पुनः गठन: वर्ष 1962 में मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया ने संभागीय व्यवस्था को समाप्त कर दिया, परंतु 15 जनवरी 1987 को मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी ने इसे पुनः शुरू किया और अजमेर को छठा संभाग घोषित किया।
वर्तमान में कुल 10 संभाग: वर्तमान में राजस्थान में कुल 10 संभाग हैं, जो कि अलग-अलग जिलों में विभाजित हैं।
नई जिलों और संभागों का गठन: 4 अगस्त 2023 को मंत्रिमंडल ने रामलुभाया समिति की रिपोर्ट पर विचार किया और उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा के अनुसार 19 नए जिले और 3 नए संभाग (पाली, सीकर और बाँसवाड़ा) का गठन किया गया, जिसकी अधिसूचना 7 अगस्त 2023 को जारी हुई।
संभागों का वितरण:
- जयपुर और अजमेर में सर्वाधिक 7-7 जिले हैं।
- बाँसवाड़ा में सबसे कम 3 जिले हैं, जबकि कोटा, पाली, बीकानेर, और सीकर में 4-4 जिले हैं।
- भरतपुर तीन राज्यों—हरियाणा, उत्तर प्रदेश, और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है, जो इसे विशेष बनाता है।
- अजमेर को राजस्थान का मध्यवर्ती संभाग माना जाता है, जबकि कोटा में सबसे अधिक नदियाँ हैं।
यहां राजस्थान के वर्तमान संभागों और उनके अंतर्गत आने वाले जिलों की सूची दी गई है:
जयपुर संभाग
- जिले: जयपुर शहर, दौसा, बहरोड़, कोटपुतली, अलवर, जयपुर ग्रामीण, दूद्र, सौरथल, तिजारा
सीकर संभाग
- जिले: सीकर, झुंझुनूं, चूरू, नीम का थाना
बीकानेर संभाग
- जिले: बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, अनूपगढ़
जोधपुर संभाग
- जिले: जोधपुर शहर, फलोदी, जैसलमेर, बाड़मेर, बालोतरा, जोधपुर ग्रामीण
पाली संभाग
- जिले: पाली, जालोर, सांचौर, सिरोही
अजमेर संभाग
- जिले: अजमेर, ब्यावर, केकड़ी, टोंक, नागौर, डीडवाना कुचामन, शाहपुरा
भरतपुर संभाग
- जिले: भरतपुर, धौलपुर, करौली, डीग, गंगापुर सिटी, सवाई माधोपुर
कोटा संभाग
- जिले: कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़
उदयपुर संभाग
- जिले: उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, राजसमंद, सलूम्बर
बाँसवाड़ा संभाग
- जिले: बाँसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़
राजस्थान के जिलों का गठन
सबसे पहले शामिल जिला: एकीकरण के समय सबसे पहले राजस्थान में शामिल होने वाला जिला अजमेर था, जिसे 26वां जिला माना गया।
धौलपुर का गठन: धौलपुर को 15 अप्रैल 1982 को राजस्थान का 27वां जिला बनाया गया।
तीन नए जिले (1991): 10 अप्रैल 1991 को तीन नए जिलों का गठन हुआ:
- बारां (कोटा जिले से)
- दौसा (जयपुर जिले से)
- राजसमंद (उदयपुर जिले से)
हनुमानगढ़ का गठन (1994): हनुमानगढ़ जिला 12 जुलाई 1994 को बना और यह 31वां जिला बना।
करौली का गठन (1997): करौली को 10 जुलाई 1997 को राजस्थान के 32वें जिले के रूप में स्थापित किया गया।
प्रतापगढ़ का गठन (2008): प्रतापगढ़ जिला 26 जनवरी 2008 को राजस्थान का 33वां जिला बना। इसके निर्माण के लिए परमेशचंद्र कमेटी का गठन हुआ था। प्रतापगढ़ को बनाने के लिए उदयपुर, चित्तौड़गढ़, और बाँसवाड़ा के कुछ क्षेत्रों को मिलाया गया।
नए जिलों की घोषणा (2023): राजस्थान सरकार ने बजट 2022-23 में नए जिलों के गठन के लिए 21 मार्च 2022 को रामलुभाया समिति का गठन किया। इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 17 मार्च 2023 को 19 नए जिलों और 3 नए संभागों (पाली, सीकर, बाँसवाड़ा) की घोषणा की।
अधिसूचना और वर्तमान स्थिति: 4 अगस्त 2023 को मंत्रिमंडल की बैठक में इन जिलों और संभागों का अनुमोदन किया गया, जिसकी अधिसूचना 7 अगस्त 2023 को प्रभावी हुई।
वर्तमान स्थिति
अब राजस्थान में कुल 50 जिले और 10 संभाग हैं।
राजस्थान में 2023 में नवगठित 19 जिले निम्नलिखित हैं:
- अनूपगढ़
- बालोतरा
- ब्यावर
- डीग
- डीडवाना-कुचामन
- दूदू
- गंगापुरसिटी
- जयपुर शहर
- जयपुर ग्रामीण
- केकड़ी
- जोधपुर शहर
- जोधपुर ग्रामीण
- कोटपूतली-बहरोड़
- खैरथल-तिजारा
- नीम का थाना
- फलोदी
- सलूम्बर
- सांचौर
- शाहपुरा
इन जिलों का गठन राजस्थान सरकार द्वारा प्रशासनिक और विकासात्मक जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से किया गया है, और इनकी घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 17 मार्च 2023 को की गई थी, जिसके बाद 7 अगस्त 2023 को इसकी अधिसूचना जारी की गई।
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