राजस्थान की अवस्थिति व विस्तार :- राजस्थान का नामकरण अंतर्राज्यीय सीमा और अंतरराष्ट्रीय सीमा का ज्ञान
राजस्थान की अवस्थिति व विस्तार :- राजस्थान का नामकरण अंतर्राज्यीय सीमा और अंतरराष्ट्रीय सीमा का ज्ञान
राजस्थान का नामकरण
राजस्थान के नामकरण के बारे में विभिन्न ऐतिहासिक संदर्भ और उल्लेख मिलते हैं, जिनमें से कुछ मुख्य निम्नलिखित हैं:
1. ब्रह्मवर्त: वैदिक काल में इस क्षेत्र को "ब्रह्मवर्त" के नाम से जाना जाता था।
2. मरुकातार: वैदिक काल के ग्रंथों में इस क्षेत्र का उल्लेख सरस्वती और दृशद्वती नदी के आसपास के क्षेत्र के रूप में मिलता है। वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में भी इस क्षेत्र को "मरुकातार" कहा गया है।
3. राजस्थानीयादित्य: बसन्तगढ़ शिलालेख (सिरोही) में इस शब्द का उल्लेख हुआ है।
4.राजपूताना:"राजपूताना" शब्द का उल्लेख सबसे पहले 19वीं सदी के प्रारंभ में जॉर्ज थॉमस ने किया था, जो ग्वालियर के शासक दौलतराव सिंधिया के अंग्रेजी कमांडर थे।
1805 ई. में प्रकाशित विलियम फ्रेंकलिन की पुस्तक मिलिट्री मेमॉयर्स ऑफ जॉर्ज थॉमस में इस शब्द का लिखित प्रमाण मिलता है।
5.राजस्थान और रजवाड़ा:प्रसिद्ध ब्रिटिश इतिहासकार कर्नल जेम्स टॉड ने अपनी पुस्तक एनाल्स एंड एंटीक्वीटीज ऑफ राजस्थान में इस क्षेत्र के लिए "राजस्थान" और "रजवाड़ा" शब्दों का उपयोग किया था। यह पुस्तक 1829 ई. में प्रकाशित हुई।
इस पुस्तक का एक अन्य नाम द सेण्ट्रल एंड वेस्टर्न राजपूत स्टेट्स ऑफ इंडिया भी है।
कर्नल जेम्स टॉड की मृत्यु 1835 में हो गई, और उनकी पत्नी ने 1839 में उनकी दूसरी पुस्तक पश्चिमी भारत की यात्रा प्रकाशित की।
ऐसा माना जाता है कि राजस्थान शब्द का प्रयोग भौगोलिक प्रदेश के लिए सर्वप्रथम जेम्स टॉड ने किया था।
6.प्राचीन साहित्य में राजस्थान का उल्लेख:मुहणोत नैणसी ने अपनी रचना नैणसी री ख्यात और वीरभान के राजरूपक में भी "राजस्थान" शब्द का उल्लेख किया है।
7.राजस्थान का एकीकरण और आधिकारिक नामकरण:राजस्थान के एकीकरण के द्वितीय चरण (25 मार्च, 1948) में पूर्वी राजस्थान संघ के रूप में सर्वप्रथम "राजस्थान" शब्द का औपचारिक प्रयोग हुआ।
एकीकरण के छठे चरण (26 जनवरी, 1950) में "राजस्थान" शब्द को वैधानिक मान्यता मिली।
अंततः एकीकरण के अंतिम चरण में 1 सितंबर 1956 को राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश पर "राजस्थान" को एक आधिकारिक राज्य का दर्जा मिला।
Genearl indroduction of Rajasthan:-
राजस्थान, भारत के पश्चिम में स्थित, क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य है। इसके कुछ मुख्य तथ्य और तुलनाएं निम्नलिखित हैं:
1. कुल क्षेत्रफल:- राजस्थान का कुल क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किलोमीटर (1,32,139 वर्ग मील) है, जो भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग 10.41% या 1/10 भाग है।
2. भारत का सबसे बड़ा राज्य:- 1 नवंबर, 2000 को मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद, राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य बन गया।
3. अन्य राज्यों से तुलना:
- भारत के पाँच सबसे बड़े राज्यों में राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गुजरात शामिल हैं।
4. अंतर्राष्ट्रीय तुलना:
- राजस्थान का क्षेत्रफल श्रीलंका से पाँच गुना, चेकोस्लोवाकिया से तीन गुना, इजरायल से सत्रह गुना और ब्रिटेन से लगभग दुगुना है।
- इसका क्षेत्र नॉर्वे और पोलैंड के क्षेत्रफल के लगभग बराबर है।
- यह जापान, कॉन्गो रिपब्लिक, फिनलैंड और जर्मनी के क्षेत्रफल के करीब भी है।
5. अन्य तथ्य:
- राजस्थान, धौलपुर जिले से लगभग 112.8 गुना बड़ा है, जबकि धौलपुर का क्षेत्रफल राजस्थान का केवल 0.89% है।
- विश्व के कुल क्षेत्रफल में राजस्थान का योगदान लगभग 0.25% है।
- भारत के कुल क्षेत्रफल में इसका हिस्सा 10.41% है।
राजस्थान का यह विशाल क्षेत्र इसे भारत के भौगोलिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण राज्य बनाता है।
राजस्थान की स्थिति और विस्तार:-
राजस्थान की भौगोलिक स्थिति, विस्तार और आकृति के बारे में निम्नलिखित विवरण है:
ग्लोबीय स्थिति:
- अक्षांशीय स्थिति: राजस्थान उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है।
- देशांतरीय स्थिति: राजस्थान पूर्वी गोलार्द्ध में आता है।
भारत और विश्व में स्थान:
- विश्व मानचित्र: विश्व के मानचित्र में राजस्थान की स्थिति उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में मानी जाती है।
- एशिया मानचित्र: एशिया के मानचित्र में राजस्थान दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) में स्थित है।
- भारत मानचित्र: भारत के मानचित्र में राजस्थान उत्तर-पश्चिम (वायव्य कोण) में स्थित है।
राजस्थान की आकृति:
- राजस्थान की आकृति को विषम चतुष्कोणीय चतुर्भुजाकार या पतंगाकार माना जाता है।
- इस आकृति की पहचान सबसे पहले टी. एच. हेडले ने की थी।
राजस्थान की भौगोलिक आकृति, लंबाई और चौड़ाई के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
1. उत्तर से दक्षिण की लंबाई: - राजस्थान की कुल लंबाई उत्तर से दक्षिण दिशा में 826 किलोमीटर है।
2. पूर्व से पश्चिम की चौड़ाई: - राजस्थान की चौड़ाई पूर्व से पश्चिम दिशा में 869 किलोमीटर है।
3. लंबाई और चौड़ाई का अंतर:- राजस्थान की उत्तर-दक्षिण लंबाई और पूर्व-पश्चिम चौड़ाई में 43 किलोमीटर का अंतर है।
4. विकर्ण लंबाई:
- उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व: - राजस्थान में उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर विकर्ण लंबाई 850 किलोमीटर है।
- दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व: - दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर विकर्ण लंबाई 784 किलोमीटर है।
5. विकर्णों का अंतर: - राजस्थान में इन दोनों विकर्णों (उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व) की लंबाई में 60 किलोमीटर का अंतर है।
राजस्थान का अक्षांशीय और देशांतरीय विस्तार
अक्षांशीय विस्तार:
- राजस्थान का उत्तरी अक्षांश 30°12′ उत्तर है, जो राजस्थान के उत्तर में स्थित है।
- दक्षिण में इसका अक्षांशी विस्तार 23°3′ उत्तर है, जो बाँसवाड़ा जिले के बोरकुंड गाँव (कुशलगढ़ तहसील) में स्थित है।
- राजस्थान अक्षांशीय विस्तार के आधार पर उत्तरी गोलार्द्ध में अवस्थित है ।
देशांतरीय विस्तार:
- राजस्थान का पश्चिमी देशांतर 69°30′ पूर्व है, जो जैसलमेर जिले के कटरा गाँव (सन तहसील) में स्थित है।
- इसका पूर्वी देशांतर 78°17′ पूर्व है, जो धौलपुर जिले के सिलान गाँव (राजाखेड़ा तहसील) में स्थित है।
- राजस्थान देशांतरीय विस्तार के आधार पर पूर्वी गोलार्द्ध में अवस्थित है।
कुल विस्तार:
- उत्तर से दक्षिण की लंबाई लगभग 826 किलोमीटर है।
- पूर्व से पश्चिम की चौड़ाई लगभग 869 किलोमीटर है।
4. कुछ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य:
देशांतर और अक्षांश:
- राजस्थान का देशांतर 69'30' पूर्वी से 70°17' पूर्वी तक फैला है।
- इसका मध्यवर्ती देशांतर 74°17' पूर्वी है।
चौड़ाई और लंबाई:
- राजस्थान की पूर्व से पश्चिम की चौड़ाई 869 किलोमीटर है।
- पूर्वी बिंदु सिलाना गाँव (धौलपुर) और पश्चिमी बिंदु कटरा गाँव (जैसलमेर) हैं।
कर्क रेखा:
- कर्क रेखा राजस्थान के डूंगरपुर और बाँसवाड़ा जिलों से गुजरती है, जिसकी कुल लंबाई राजस्थान में 26 किलोमीटर है।
- सूर्य की सीधी किरणें 21 जून को कर्क रेखा पर कुशलगढ़ (बाँसवाड़ा) में पड़ती हैं।
सूर्य की किरणें:
- राजस्थान में सूर्य की सबसे तिरछी किरणें श्रीगंगानगर में पड़ती हैं, जबकि सीधी किरणें बाँसवाड़ा में गिरती हैं।
- राज्य में सबसे बड़ा दिन 21 जून को और सबसे बड़ी रात 22 दिसंबर को होती है।
सूर्योदय और सूर्यास्त:
- राजस्थान में सूर्योदय का सबसे पहले समय धौलपुर में और सबसे बाद में जैसलमेर में होता है, जिसमें लगभग 36 मिनट का अंतर होता है।
मध्यवर्ती स्थान:
- राजस्थान का मध्यवर्ती स्थान लाम्पोलाई (नागौर) है, और सैटेलाइट के अनुसार मध्यवर्ती गाँव गंगराना (नागौर) है।
राजस्थान का विस्तार
अन्तर्राष्ट्रीय सीमा (भारत-पाकिस्तान)
रेडक्लिफ रेखा:
- राजस्थान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान के साथ लगती है, जिसे रेडक्लिफ रेखा कहते हैं।
- इस रेखा का नाम ब्रिटिश वकील सिरिल रेडक्लिफ के नाम पर रखा गया, जिन्होंने भारत और पाकिस्तान के विभाजन के समय सीमा निर्धारण किया था।
- रेडक्लिफ रेखा को अगस्त 1947 में निर्धारित किया गया।
- यह एक कृत्रिम रेखा है जो भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजन रेखा के रूप में कार्य करती है।
रेडक्लिफ रेखा से जुड़े राज्य और केंद्र शासित प्रदेश:
- भारत में रेडक्लिफ रेखा के साथ 3 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेश स्थित हैं:
- राज्य: पंजाब, राजस्थान, और गुजरात।
- केंद्र शासित प्रदेश: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख।
- भारत में रेडक्लिफ रेखा के साथ 3 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेश स्थित हैं:
रेडक्लिफ रेखा की कुल लंबाई:
- रेडक्लिफ रेखा की कुल लंबाई 3,323 किलोमीटर है, जिसमें से राजस्थान की सीमा पर 1,070 किलोमीटर का हिस्सा आता है, जो कुल सीमा का लगभग एक-तिहाई है।
राजस्थान में रेडक्लिफ रेखा:
- राजस्थान में इस रेखा की शुरुआत श्रीगंगानगर जिले के हिंदूमलकोट से होती है और यह बाड़मेर जिले के बाखासर तक जाती है।
- जैसलमेर राजस्थान का सबसे बड़ा जिला है जो रेडक्लिफ रेखा के साथ स्थित है।
पाकिस्तान के सीमावर्ती जिले:
- राजस्थान के साथ पाकिस्तान के दो प्रांतों पंजाब और सिंध के जिले सीमा बनाते हैं:
- पंजाब प्रांत: बहावलनगर, बहावलपुर, और रहीमयार खां।
- सिंध प्रांत: घोटकी, सुक्कुर, गौरपोर, संघर, उमरकोट, और थारपारकर।
- पाकिस्तान का बहावलनगर जिला राजस्थान के साथ सबसे लंबी सीमा बनाता है, जबकि न्यूनतम सीमा उमरकोट बनाता है।
अन्तर्राज्यीय सीमा (राजस्थान और अन्य राज्यों के बीच)
राजस्थान की स्थलीय सीमा पाँच भारतीय राज्यों के साथ मिलती है। नीचे प्रत्येक राज्य के साथ राजस्थान की स्थिति और विशेष विवरण दिया गया है:
पंजाब:
- राजस्थान और पंजाब के बीच 89 किलोमीटर की सीमा है, जो राजस्थान के साथ सबसे छोटी अंतर्राज्यीय सीमा है।
- श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ राजस्थान के वे जिले हैं जो पंजाब की सीमा पर स्थित हैं।
- श्रीगंगानगर पंजाब के साथ सबसे लंबी सीमा बनाता है, जबकि हनुमानगढ़ न्यूनतम सीमा साझा करता है।
- पंजाब के दो जिले फाजिल्का और मुक्तसर साहिब राजस्थान के साथ सीमा बनाते हैं।
हरियाणा:
- हरियाणा राज्य राजस्थान के साथ 1,262 किलोमीटर की सीमा बनाता है।
- राजस्थान के निम्नलिखित जिले हरियाणा के साथ सीमा साझा करते हैं: हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूं, नीम का थाना, कोटपुतली, बहरोड़, खैरथल, तिजारा, अलवर, और डीग।
- हरियाणा के सात जिले जिनकी सीमाएँ राजस्थान से लगती हैं: नूह, रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़, भिवानी, हिसार, फतेहाबाद, और सिरसा।
उत्तर प्रदेश:
- उत्तर प्रदेश राज्य राजस्थान के साथ 877 किलोमीटर की सीमा बनाता है।
- राजस्थान के तीन जिले करौली, भरतपुर, और धौलपुर उत्तर प्रदेश की सीमा से लगते हैं।
- उत्तर प्रदेश के मथुरा और आगरा जिले राजस्थान के साथ सीमा साझा करते हैं।
- मध्य प्रदेश
- मध्य प्रदेश राज्य राजस्थान के साथ 1,600 किलोमीटर की सीमा साझा करता है।
- राजस्थान के 10 जिले जो मध्य प्रदेश के साथ सीमा बनाते हैं: धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, कोटा, बारा, झालावाड़, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, और बाँसवाड़ा।
- झालावाड़ मध्य प्रदेश के साथ सबसे लंबी सीमा साझा करता है, जबकि भीलवाड़ा न्यूनतम सीमा बनाता है।
- मध्य प्रदेश के 10 जिले जो राजस्थान के साथ सीमा बनाते हैं: झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर मालवा, राजगढ़, गुना, शिवपुरी, श्योपुर, और मुरैना
- गुजरात राज्य राजस्थान के साथ 1,022 किलोमीटर की सीमा साझा करता है।
- राजस्थान के 6 जिले जो गुजरात के साथ सीमा बनाते हैं: बाँसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर, सिरोही, सांचौर, और बाड़मेर।
- उदयपुर गुजरात के साथ सर्वाधिक सीमा साझा करता है, जबकि बाड़मेर सबसे न्यूनतम सीमा बनाता है।
- गुजरात के 6 जिले जो राजस्थान के साथ सीमा बनाते हैं: कच्छ, बनासकांठा, साबरकांठा, अरावली, महीसागर, और दाहोद।
- राजस्थान के निकटतम बंदरगाह कांडला बंदरगाह (गुजरात) है।
- अन्तःवर्ती जिले
- राजस्थान के 21 जिले अन्तःवर्ती या आंतरिक जिले हैं, जो किसी अन्य राज्य के साथ सीमा साझा नहीं करते।
- इन जिलों में प्रमुख हैं: जोधपुर ग्रामीण, जोधपुर शहर, बालोतरा, पाली, जालौर, राजसमंद, सलूम्बर, ब्यावर, केकड़ी, अजमेर, नागौर, सीकर, डीडवाना, कृत्यमन, शाहपुरा, बूँदी, टोंक, दूदू, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, और गंगापुर सिटी।
- जयपुर ग्रामीण जिला राजस्थान में सर्वाधिक दस जिलों के साथ सीमा बनाता है, जबकि टोंक आठ जिलों के साथ।
- जयपुर शहर और जोधपुर शहर ऐसे दो जिले हैं जो केवल एक जिले के साथ सीमा बनाते हैं।
- सीमावर्ती जिले:
- राजस्थान के कुल 29 जिले सीमावर्ती हैं।
- इनमें से 25 जिले अंतर्राज्यीय सीमावर्ती हैं और 23 जिले केवल अंतर्राज्यीय सीमाएँ बनाते हैं।
- चार जिले जो केवल अंतर्राष्ट्रीय सीमाएँ बनाते हैं: अनूपगढ़, बीकानेर, फलोदी, और जैसलमेर।
- बाड़मेर और श्रीगंगानगर ऐसे दो जिले हैं जो अंतर्राष्ट्रीय और अंतर्राज्यीय दोनों सीमाएँ बनाते हैं।
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