परिवार: एक सामाजिक संगठन का महत्त्व
परिवार सामाजिक संगठन का सबसे महत्त्वपूर्ण, सर्वव्यापी और प्राथमिक समूह है। यह न केवल एक व्यक्ति के जीवन का आधार है, बल्कि समाज के निर्माण और संस्कृति के हस्तान्तरण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह ब्लॉग परिवार के महत्त्व, इसके विभिन्न प्रकारों, विशेषताओं, और सामाजिक दृष्टिकोण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करेगा।
परिवार का महत्त्व
परिवार किसी भी समाज की नींव है। यह बालक का पहला स्कूल होता है, जहां से वह सामाजिक जीवन के बारे में पहली जानकारी प्राप्त करता है। बालक का पालन-पोषण और उसकी शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक विकास की प्रक्रिया परिवार में ही होती है। परिवार न केवल बच्चों को अपने कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदार बनाता है, बल्कि उन्हें अपने अधिकारों और सामाजिक मूल्यों के बारे में भी सिखाता है।
परिवार का अर्थ और परिभाषा
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मैकाइवर और पेज के अनुसार, "परिवार उस समूह को कहते हैं जो यौन संबंधों पर आधारित है और इतना छोटा और शक्तिशाली है कि वह संतान के जन्म और पालन-पोषण की व्यवस्था कर सकता है।"
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क्लेयर के अनुसार, "परिवार से तात्पर्य माता-पिता और बच्चों के रिश्तों की व्यवस्था से है।"
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अरस्तू के अनुसार, मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और परिवार में ही यह सामाजिकता शुरू होती है।
परिवार के प्रकार
परिवार मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं: संयुक्त परिवार और एकल परिवार।
1. संयुक्त परिवार
संयुक्त परिवार वह परिवार है जिसमें दादा-दादी, चाचा-चाची, ताऊ-ताई, माता-पिता और बच्चे एक ही छत के नीचे रहते हैं। इस प्रकार के परिवार में सभी सदस्य एक-दूसरे से भावनात्मक और आर्थिक रूप से जुड़े होते हैं।
संयुक्त परिवार के गुण:
- इसमें सदस्य आपस में सहयोग करते हैं और परिवार के हर सदस्य का ख्याल रखा जाता है।
- संयुक्त परिवार में बच्चों को पारिवारिक जीवन के मूल्य और संस्कार मिलते हैं।
- पारिवारिक कलह के बावजूद, इसमें सदस्य एक-दूसरे के साथ रहते हुए संकटों का सामना करते हैं।
संयुक्त परिवार के दोष:
- इस प्रकार के परिवार में कभी-कभी पारिवारिक कलह और तनाव उत्पन्न हो सकते हैं।
- एकल परिवार की तुलना में व्यक्तिगत स्वतंत्रता कम होती है।
- परिवार के कुछ सदस्य, खासकर महिलाएं, घरेलू कामों में अधिक व्यस्त रहती हैं, जिससे उनका व्यक्तित्व निखरने का अवसर कम होता है।
2. एकल परिवार
एकल परिवार में केवल माता-पिता और उनके बच्चे रहते हैं। यह परिवार छोटे होते हैं और आमतौर पर इनका जीवन सरल और आत्मनिर्भर होता है।
एकल परिवार के गुण:
- एकल परिवार में हर सदस्य को अपनी पसंद और जीवनशैली का पालन करने की स्वतंत्रता मिलती है।
- इस प्रकार के परिवार में पारिवारिक कलह की संभावना बहुत कम होती है।
- व्यक्तिगत विकास के अधिक अवसर होते हैं क्योंकि परिवार के सदस्य अपनी पहचान और उद्देश्य के प्रति जागरूक रहते हैं।
एकल परिवार के दोष:
- कभी-कभी बच्चों का पर्याप्त देखभाल नहीं हो पाता है।
- संकट की स्थिति में, एकल परिवार को शारीरिक, आर्थिक या भावनात्मक सहारे की कमी हो सकती है।
- यह परिवार सामान्यतः अकेले ही समस्याओं का सामना करता है, जो कभी-कभी बोझिल हो सकता है।
परिवार के कार्य
परिवार का सबसे महत्वपूर्ण कार्य बच्चों का पालन-पोषण करना और उन्हें सामाजिक जीवन की शिक्षा देना है। बच्चों को अपने परिवार से ही सबसे पहले विभिन्न सामाजिक आदतें और व्यवहारिक मूल्यों की जानकारी मिलती है। परिवार, बच्चों को सांस्कृतिक धरोहर, सामाजिक मूल्य, और जीवन के जरूरी पहलुओं से अवगत कराता है।
- सामाजिकरण: परिवार बच्चों को समाज के नियमों और आदतों से परिचित कराता है।
- भावनात्मक समर्थन: परिवार अपने सदस्यों को मानसिक और भावनात्मक सुरक्षा प्रदान करता है।
- शैक्षिक कार्य: परिवार बच्चों की शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और उन्हें जीवन के महत्त्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराता है।
- संस्कार: परिवार बच्चों में संस्कारों की नींव रखता है, जो भविष्य में उनके जीवन की दिशा तय करता है।
संयुक्त परिवार के विघटन के कारण
संयुक्त परिवार के विघटन के पीछे कई कारण हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- औद्योगीकरण: शहरों में काम की तलाश में लोग अपना परिवार छोड़कर अलग-अलग बसने लगते हैं।
- जनसंख्या वृद्धि: बढ़ती जनसंख्या के कारण स्थान की कमी होती है, जिससे लोग अपना परिवार अलग कर लेते हैं।
- नगरीकरण: शहरीकरण के बढ़ने से छोटे घरों में संयुक्त परिवार का रहना मुश्किल हो जाता है।
- शैक्षिक कारण: शिक्षा के स्तर में वृद्धि ने युवा पीढ़ी को अलग रहने की ओर प्रेरित किया है।
परिवार की विशेषताएँ
परिवार की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- विवाह और यौन संबंध: परिवार विवाह और यौन संबंधों पर आधारित होता है।
- वंश परंपरा और नामकरण की प्रणाली: परिवार सदस्य अपने वंश की परंपरा को बनाए रखते हैं और नामकरण की प्रणाली का पालन करते हैं।
- आर्थिक और सामाजिक जिम्मेदारियाँ: परिवार के सभी सदस्य अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हैं, चाहे वह आर्थिक, शैक्षिक या सामाजिक हो।
निष्कर्ष
परिवार एक सामाजिक संगठन है जो हमें जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं की शिक्षा देता है। यह न केवल बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में सहायक है, बल्कि समाज में व्यक्ति को एक जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में भी योगदान करता है। चाहे वह संयुक्त परिवार हो या एकल परिवार, दोनों ही समाज में अपने-अपने तरीके से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
यदि आप परिवार और समाज के बारे में और अधिक जानकारी चाहते हैं तो आप हमें अपनी राय और सुझाव दे सकते हैं।
UP TET/CTET/Other State TET से जुड़े परिवार (Family) पर आधारित महत्त्वपूर्ण प्रश्न
1. भारत में लड़के व लड़कियों की विवाह की न्यूनतम आयु क्या है?
(a) 21 से 18 वर्ष
(b) 18 से 21 वर्ष
(c) 18 से 16 वर्ष
(d) 14 से 18 वर्ष
उत्तर: (b) हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 के अनुसार भारत में लड़के और लड़कियों की विवाह की न्यूनतम आयु क्रमशः 21 वर्ष और 18 वर्ष है।
रिट 2011
2. "परिवार एक इकाई होता है जिसमें माँ, पिता और उनके दो बच्चे होते हैं।" यह कथन सही है?
(a) सत्य है, क्योंकि सभी भारतीय परिवार इसी प्रकार के होते हैं
(b) सही नहीं है, क्योंकि इस कथन में यह स्पष्ट करना चाहिए कि बच्चे जैविक होते हैं
(c) सही नहीं है, क्योंकि परिवार कई प्रकार के होते हैं तथा परिवार का केवल एक ही प्रकार में वर्गीकरण नहीं किया जा सकता
(d) सत्य है, क्योंकि यह किसी आदर्श परिवार का आकार है
उत्तर: (c) परिवार कई प्रकार के होते हैं और इसका केवल एक ही प्रकार में वर्गीकरण नहीं किया जा सकता।
CTET (I-V) 18 SEP, 2016
3. बच्चे को समाजीकरण का पहला पाठ कहाँ से प्राप्त होता है?
(a) परिवार से
(b) विद्यालय से
(c) सांस्कृतिक केन्द्र से
(d) धार्मिक केन्द्र से
उत्तर: (a) परिवार बालक का प्राथमिक विद्यालय होता है जहाँ वह अनौपचारिक शिक्षा ग्रहण करता है तथा समाजीकरण की प्रक्रिया की शुरुआत परिवार से ही होती है।
CG TET (I-V) 2011
4. प्राथमिक समाजीकरण क्या है?
(a) शुरुआती आयु में परिवार एवं मित्रों से सीखना
(b) किशोरावस्था में समाज से सीखना
(c) प्राथमिक स्तर पर समाज से सीखना
(d) शिक्षकों का अनुसरण करना
उत्तर: (a) बच्चों को समाजीकरण की शुरुआत बच्चे के परिवार, मित्र तथा अन्य लोगों से होती है। इसे ही प्राथमिक समाजीकरण कहते हैं।
B TET (I-V) 2011
5. एकल परिवार से तात्पर्य है:
(a) वर्ष 1950 के बाद बना परिवार
(b) परिवार जिसमें माता-पिता एवं उनके बच्चे
(c) सम्पूर्ण परिवार जिसमें बच्चे, उनके माता-पिता एवं दादा-दादी
(d) केवल पति-पत्नी
उत्तर: (b) एकल परिवार में केवल माता-पिता और उनके अविवाहित बच्चे रहते हैं।
R TET (I-V) 7 FEB, 2016
6. भारत में बाल विवाह निषेध अधिनियम किस वर्ष पारित किया गया था?
(a) 2006
(b) 2008
(c) 2011
(d) 1997
उत्तर: (a) भारत में बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 में पारित किया गया था और इसे 1 नवम्बर 2007 से लागू किया गया।
R TET (I-V) 7 FEB, 2016
7. शारदा एक्ट का सम्बन्ध निम्न में से किससे है?
(a) बाल-विवाह
(b) दहेज प्रथा
(c) बालश्रम
(d) अनिवार्य शिक्षा
उत्तर: (a) शारदा एक्ट (1929) का सम्बन्ध बाल विवाह से था, जिसके तहत लड़कों की आयु 18 वर्ष और लड़कियों की आयु 14 वर्ष तय की गई थी।
CG TET (I-V) 2011
8. परिवार की विशेषता नहीं है?
(a) विवाह एवं यौन संबंध
(b) सामाज विरोधी कार्य करना
(c) वंश परम्परा
(d) पारिवारिक विघटन
उत्तर: (b) परिवार की विशेषता समाजविरोधी कार्य करना नहीं है।
9. एकल परिवार के सदस्य अधिक आत्मनिर्भर क्यों होते हैं?
(a) क्योंकि उनका सामाजिक जीवन अधिक सक्रिय होता है
(b) क्योंकि उन्हें अपने निर्णय लेने की पूरी स्वतंत्रता होती है
(c) क्योंकि वे पारिवारिक समस्याओं से अधिक प्रभावित होते हैं
(d) क्योंकि वे अपने कार्यों में दूसरों से सहायता नहीं लेते
उत्तर: (b) एकल परिवार में सदस्य को अपनी स्वतंत्रता और निर्णय लेने का अवसर अधिक मिलता है, जिससे उनकी आत्मनिर्भरता बढ़ती है।
10. सामाजिक बुराइयों का उदाहरण क्या है?
(a) बाल विवाह
(b) दहेज प्रथा
(c) बालश्रम
(d) ये सभी
उत्तर: (d) समाज में दोष उत्पन्न करने वाले तत्वों को सामाजिक बुराइयाँ कहा जाता है, जैसे बाल विवाह, दहेज प्रथा, बालश्रम आदि।
CG TET (I-V) 2011
11. ऐसे परिवार जिनमें परिवार की सत्ता किसी पुरुष सदस्य के हाथ में होती है, उन्हें क्या कहते हैं?
(a) पितृसन्तात्मक परिवार
(b) पितृवंशीय परिवार
(c) एकल परिवार
(d) संयुक्त परिवार
उत्तर: (a) पितृसन्तात्मक परिवार वह परिवार होता है जिसमें सत्ता और निर्णय का अधिकार पुरुष सदस्य के हाथ में होता है।
12. भारतीय संविधान में प्रत्यक्ष रूप से किसके ऊपर चर्चा की गई है?
(a) मादक पदार्थ
(b) दहेज प्रथा
(c) बाल श्रम
(d) सती प्रथा
उत्तर: (d) सती प्रथा के विरुद्ध भारतीय संविधान में प्रत्यक्ष रूप से चर्चा की गई है।
13. परिवार की सम्पत्ति में परिवार के सभी सदस्य का जन्म-जात अधिकार होता है। यह किस प्रणाली के अंतर्गत आता है?
(a) मिताक्षरा का नियम
(b) दायभाग का नियम
(c) प्रवर का नियम
(d) सपिंड का नियम
उत्तर: (b) दायभाग का नियम के तहत परिवार के सभी सदस्य को परिवार की सम्पत्ति में समान अधिकार होता है।
14. बालक को सर्वप्रथम समाज में आपस में मिलजुल कर रहने की शिक्षा कहाँ से दी जाती है?
(a) समाजवाद
(b) व्यक्तिवाद
(c) ग्रामीणवाद
(d) परिवार
उत्तर: (d) बालक को समाज में मिलजुल कर रहने की शिक्षा परिवार से दी जाती है।
इन सवालों के माध्यम से, आप परिवार के महत्त्व और इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं और TET परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।
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